आरएसएस एक राष्ट्रवादी संगठन है, जो समाजसेवा और देशहित के लिए समर्पित है। कांग्रेस हमेशा राष्ट्र, राजकीय संस्थान और राष्ट्रवादी संगठनों का विरोध करती रही है। राष्ट्रविरोधी विचारधारा वाले बीजेपी-आरएसएस की राष्ट्रभक्ति पर बात ना ही करें तो बेहतर है। उमंग सिंघार का यह बयान न केवल अधिकारियों का अपमान है, बल्कि प्रशासनिक तंत्र को राजनीतिक लाभ के लिए निशाना बनाने का प्रयास है। कांग्रेस को समझना चाहिए कि अधिकारियों को ऐसी राजनीति में घसीटना स्वच्छ लोकतांत्रिक प्रणाली के खिलाफ है।कांग्रेसी नेताओं को प्रशासन का राजनीतिकरण नहीं करना चाहिए।
इस तरह की बयानबाजी से कांग्रेस को कोई लाभ नहीं होगा, बल्कि यह उनकी नकारात्मक सोच को उजागर करता है। भाजपा और आरएसएस सदैव राष्ट्रहित में काम करते आए हैं और करते रहेंगे। हमें कांग्रेस की नसीहत की आवश्यकता नहीं है। कांग्रेस को अपनी ऊर्जा देशहित के कामों में लगानी चाहिए, न कि निराधार आरोप लगाने में।
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