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Saturday, November 9, 2024

शासकीय कर्तव्य से अनुपस्थित पटवारी सुयश सिंघई को एस डी एम बहोरीबंद ने जारी किया कारण बताओ नोटिस

तेज खबर कटनी :- कथित तौर पर बीमारी का बहाना बनाकर जबलपुर में बिजली की दुकान संचालित करने वाले बहोरीबंद तहसील के  हल्का नंबर 32 ग्राम कूड़ा के पटवारी सुयश सिंघई को बहोरीबंद के एस डी एम राकेश कुमार चौरसिया ने कारण बताओ नोटिस जारी किया है। पटवारी को पूर्व में भी मुख्यालय में निवास करने के दिए गए निर्देश के बाद भी सुयश सिंघई जबलपुर से अप -डाउन करते है।जो वरिष्ठ अधिकारियों के आदेशों की अवहेलना और उल्लंघन है।

   एस डी एम बहोरीबंद  राकेश चौरसिया ने तहसीलदार बहोरीबंद से शनिवार 9 नवंबर को प्राप्त  प्रतिवेदन के आधार पर नोटिस जारी किया है। जिसमें उल्लेखित किया गया है कि तहसील बहोरीबंद अंतर्गत धान पंजीयन के सत्यापन का कार्य चल रहा है, धान सत्यापन की अंतिम तिथि 11 नवम्बर है।इस   कार्य को समय-सीमा में पूर्ण किये जाने हेतु  तहसील कार्यालय बहोरीबंद के शासकीय व्हाट्सएप्प ग्रुप में  8 नवम्बर को सुबह 7:49 बजे मैसेज डाल कर सभी हल्का पटवारियों को निर्देशित किया था कि जिन लोगों का धान सत्यापन का कार्य अपूर्ण है वे तहसील कार्यालय पहुंचकर धान सत्यापन का कार्य समय-सीमा में पूर्ण करें। चूंकि उक्त कार्य को समय-सीमा में पूर्ण किया जाना है ।अतः कोई भी अवकाश मान्य नही होगा। लेकिन इस निर्देश के बाद भी पटवारी सुयश सिंघई,  द्वारा 8 नवम्बर को ही प्रातः 09:32 बजे स्वास्थ्य खराब होने बावत् व्हाट्सअप के माध्यम से तहसील कार्यालय बहोरीबंद के शासकीय ग्रुप में एक दिवस के अवकाश बावत् आवेदन प्रस्तुत किया गया । लेकिन शनिवार 9 नवम्बर को प्रातः 11:48 बजे तहसीलदार बहोरीबंद द्वारा पुनः  तहसील कार्यालय के व्हाट्सएप्प ग्रुप के माध्यम से सभी हल्का पटवारियों को शेष बचे हुए धान सत्यापन के कार्य को पूर्ण करने हेतु निर्देशित किया गया। उसके पश्चात सुयश सिंघई पटवारी द्वारा पुनः शनिवार  को दोपहर 01:09 बजे उनके द्वारा  एक माह के मेडिकल अवकाश बावत् आवेदन पत्र व्हाट्सएप्प के माध्यम से तहसील कार्यालय के ऑफीशियल ग्रुप में प्रेषित किया गया है। उक्त आवेदन में लेख किया गया है कि 7 नवम्बर को सीढ़ी से गिर जाने के कारण मुझे पीठ में दर्द हो जाने पर डॉक्टर से परामर्श करने पर उनके द्वारा मुझे 1 माह के रेस्ट हेतु सलाह दी गई है। उक्त आवेदन के माध्यम से उनके द्वारा 01 माह का चिकित्सा अवकाश चाहा गया है।

   आवेदन ग्रुप में प्रेषित करने के पश्चात एस डी एम बहोरीबंद ने तहसीलदार बहोरीबंद को निर्देशित किया कि पता लगायें संबंधित पटवारी सुयश सिंघई वर्तमान में कहां पर हैं एवं उनके दोनों आवेदनों में विसंगति प्रतीत होती है। अतः उनके मेडिकल अवकाश के आवेदन की जांच कराई जाये। एस डी एम बहोरीबंद के आदेश के परिपालन में तहसीलदार बहोरीबंद के द्वारा जांच की गई, जिसमें पाया गया कि वे अपने छोटा फुहारा, जबलपुर स्थित अपनी दुकान जिसका नाम आदिनाथ इलेक्ट्रॉनिक्स है, में व्यापार संचालित करते हुए पाये गये। उनका उस बावत वीडियो भी प्राप्त हुआ है। उक्त प्रारंभिक जांच में प्रथम दृष्टया उनका मेडिकल के आधार पर आवेदन पत्र झूठा होना प्रतीत होता है। क्योंकि मेडिकल अवकाश आवेदन में लेख किया गया है कि डॉक्टर द्वारा उन्हें एक माह के रेस्ट की सलाह दी गई है यदि वे बीमार स्थिति में है तो उनके द्वारा अपनी जबलपुर स्थित दुकान में कार्य संचालन कैसे किया जा सकता है।

      एस डी एम बहोरीबंद द्वारा पूर्व में आदेश जारी कर सभी अधिकारी एवं कर्मचारी को मुख्यालय में रहने हेतु निर्देशित किया गया था एवं बगैर सक्षम अधिकारी के मुख्यालय न छोड़ने बावत आदेशित किया था। लेकिन सुयश सिंघई जबलपुर में निवास करते है वे अपने मुख्यालय बहोरीबंद में निवास नहीं करते हैं एवं जबलपुर से अप-डाउन करते हैं। उक्त कारण से उनके हल्के के सभी शासकीय कार्य प्रभावित होते रहे हैं। पूर्व में भी इन्हें कई बार मुख्यालय पर निवास करने हेतु निर्देशित किया गया है एवं बगैर सक्षम अधिकारी की अनुमति के अनुपस्थित रहने पर सचेत किया गया है परंतु इनके द्वारा पूर्व में जारी आदेश की लगातार अवहेलना की गई है एवं वे जबलपुर से निरंतर अप-डाउन करते हैं। उनके द्वारा लगातार वरिष्ठ अधिकारियों के आदेशों का उल्लंघन किया गया है। 

    इन सभी स्थितियों के मद्देनजर एस डी एम बहोरीबंद राकेश चौरसिया ने तहसीलदार बहोरीबंद के आदेशों व निर्देशों की अवहेलना करने और  धान पंजीयन सत्यापन कार्य समय-सीमा में करने हेतु तहसील मे उपस्थित नहीं होने तथा अनाधिकृत रूप से हल्का एवं तहसील मुख्यालय से अनाधिकृत अनुपस्थित रहना एवं व्हाट्सएप्प में मेडिकल आवेदन पत्र प्रस्तुत कर अपनी आदिनाथ इलेक्ट्रॉनिक्स दुकान छोटा फुहारा जबलपुर में व्यावसायिक कार्य किया जाता है। इस प्रकार आपके द्वारा वरिष्ठ अधिकारियों को गुमराह करने की मंशा से मेडिकल प्रमाण पत्र तैयार कराकर अवकाश चाहा गया है जो कदाचरण का घोतक है जो आपके कार्य के प्रति घोर लापरवाही उदासीनता, अनुशासनहीनता एवं वरिष्ठ अधिकारियों के आदेशों की अवहेलना को किया जाना पाया गया है।

      इस संबंध में नोटिस की प्राप्ति की तिथि से 3 दिवस के अंदर  समक्ष में पक्ष रखने पटवारी को समय दिया गया है।समक्ष में उपस्थित होकर प्रस्तुत करने में असफल रहने पर  यह माना जाएगा कि आपके पक्ष में कोई आधार नहीं है तथा आपके विरूद्ध एक पक्षीय आदेश पारित किया जाकर मध्यप्रदेश सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम-1966, के तहत अनुशासनात्मक कार्यवाही की जायेगी।


अशोक कुमार मिश्रा 
संयोजक 


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