कटनी :- संप्रेषणा नाट्य कटनी द्वारा तीन दिवसीय सबरंग नाट्य महोत्सव 12 जुलाई से 14 जुलाई तक संप्रेषणा नाट्य गृह यूनियन मंच के सामने आर्डिनेंस फैक्ट्री कटनी में संपन्न हुआ । जिसमे प्रथम दिवस विपुल सिंह के निर्देशन में रावेंद्र प्रताप शिक्षा समिति के द्वारा नाटक बलिदान प्रस्तुत हुआ जिसमे बघेलखंड में अनगिनत किस्से कहानियां एवं किवदंतियां है, ये कहानी ऐसी ही किवदंती से प्रेरित है, जिसमे देवी को कुछ बच्चे खेल खेल में एक बच्चे की,किसी पंख से बलि देते है और देवी ये बलि स्वीकार कर लेती है फिर सभी ग्रामीण प्रार्थना करते है निरंतर भगत करते है अंत में चमत्कार होता है और बच्चा जीवित हो जाता है बघेली बोली में हुए इस नाटक को लोगो ने खूब सराहा और अपनी तालियों से कलाकारों को प्रोत्साहित किया । इस नाटक में लोकसंगीत का इस्तेमात देखते ही बनता है निर्देशक ने बड़ी निपुणता से लोक संगीत का उपयोग किया जिसने नाटक को एक अलग मुकाम दिया सभी कलाकारों का अभिनय सधा हुआ था तथा माटी की महक लिए हुए था, नाटक का सेट बहुत हैवी नही था सजेस्टिव सेट था ।प्रकाश परिकल्पना नाटक के अनुकूल थी, मुख्य भूमिकाओं में विपुल सिंह,विनोद कुमार मिश्रा,आशीष दहिया,रत्नेश गोस्वामी, शांभवी श्रीवास्तव,मोहित ,ओमकार,शिवमोहन,अंशिका, आराध्या,मुकुल,आदर्श,काजल, श्रुति,भूमिका ने अभिनय किया।
द्वितीय दिवस आदित्य गोस्वामी के निर्देशन में एक्सप्रेशन आफ सोसाइटी के द्वारा नाटक कंजूस का मंचन किया गया जो की एक कॉमेडी नाटक था मोलियर के द्वारा लिखित इस नाटक में मिर्ज़ा सखावत वेग एक कंजूस आदमी है जो किसी ना किसी बहाने सिर्फ अपनी अशर्फियां बचाने का प्रयास करता रहता है और उसकी इस कंजूसी को निर्देशक ने बहुत ही मनोरंजक एवं हास्यपूर्ण तरीके से दर्शाया जिसने सभी दर्शकों को हंसने पर मजबूर किया और सभी ने अपनी तालियों से कलाकारों का उत्साह बढ़ाया। इस नाटक में संगीत का अच्छा इस्तेमाल हुआ जो नाटक को गति प्रदान करता है ।नाटक का सेट मुस्लिम संस्कृति को बख़ूबी दिखाता है इस नाटक में इस्तेमात की गई सामग्री नाटक की विषयवस्तु एवं परिदृश्य के हिसाब से थी। इस नाटक में जो वस्त्र सज्जा सतीश और शिवानी ने की वो बहुत ही कमाल की थी जो हमें एक विशेष परिवेश की अनुभूति कराता रहा।निर्देशक आदित्य गोस्वामी ने अपनी कल्पना से कुछ सीन बहुत अच्छे गढ़े एवं उनकी निर्देशकीय पकड़ कभी भी ढीली नही पड़ी जिसके लिए वो और उनकी टीम बधाई के पात्र हैं । मुख्य किरदार में अनुज मिश्रा ने अमिट छाप छोड़ी अन्य कलाकारों में सतीश अहिरवार,आकाश तिवारी,शुभम रजक ,शिवानी अहिरवार,शिवा रजक,कृतिका गुप्ता, अनन्या तिवारी,अंजली गुप्ता,शिवम रजक, निर्मल सिंह,हर्ष श्रीवास्तव,आशुतोष गुप्ता, दीपक केवट,प्रह्लाद रजक ने अपने अपने किरदारों के साथ भरपूर न्याय किया। प्रकाश परिकल्पना नाटक के अनुकूल थी।
अंतिम दिवस राजीव अयाची जी युवा नाट्य मंच दमोह द्वारा निर्देशित नाटक शादी का प्रस्ताव का मंचन हुआ ये नाटक मानव मन की उस कमजोरी को प्रकट करता है की जो उसने कहा वही श्रेष्ठ है और वो दूसरे के इस बात को स्वीकार नहीं करता की कोई दूसरा उससे श्रेष्ठ है और यदि कोई व्यक्ति उसकी प्रिय व्यक्ति या वस्तु को खराब कह दे तो वो इस बात को अपने आत्मसम्मान पर आक्रमण मान कर चलता है एंटोन चेखव द्वारा आलेखित नाटक में निर्देशक ने बहुत ही उम्दा तरीके से लेखक की सोच को मंच पर दिखाया जिसे दर्शकों ने काफी सराहा इस नाटक का सेट बहुत भव्य था जबकि फ्लेक्स के उपयोग से बना था जो देखने मे बहुत भारी प्रतीत होता है पर बहुत ही हल्का था नाट्य मंडलियां अपनी प्रस्तुति के लिए यात्रा करती ही रहती हैं और उन्हें इस सेट के माध्यम से यात्रा में आसानी होती है इसलिए इसके सेट डिज़ाइनर की जितनी तारीफ की जाए कम है । संगीत,वेशभूषा, रूपसज्जा और प्रकाश परिकल्पना नाटक के मूड के हिसाब से थी निर्देशक ने बहुत अच्छा काम किया और जो संदेश देना चाहते थे उसमे वो सफल रहे। कलाकारों में राजीव अयाची ने बहुत ज़बरदस्त अभिनय किया उनके अभिनय में उनका अनुभव साफ दिखाई दे रहा था ब्रजेंद्र राठौर,शिवानी बालमीक,अनिल खरे,दीक्षा जैन ने भी अपने अपने किरदारों को बखूबी जिया।इस नाट्य महोत्सव में विशेष रूप से शामिल होने भोपाल की वरिष्ठ रंगकर्मी सुश्री बिशना चौहान आई थीं वही कटनी के विशिष्ट अतिथियों में अरविंद तिवारी, अजय प्रताप सिंह बघेल, मनोज निगम, हरि सिंह, अश्विनी गर्ग, सुश्री रोज़लीन शाह, सुनील सकतेल, पीताम्बर सेतपाल आदि उपस्थित थे। अतिथियों का स्वागत संस्था की शिवानी,अंजुली, अनन्या एवं कृतिका ने किया। कलाकारों को स्मृति चिन्ह संस्था के द्वारिका दाहिया एवं योगेश तिवारी द्वारा प्रदान किया गया। "सबरंग "नाट्य महोत्सव का संचालन संस्था के सादात भारती द्वारा किया गया । अशोक कुमार मिश्रा
संयोजक
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