कटनी :- पुलिस अधीक्षक अभिजीत कुमार रंजन के निर्देशन एवं अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक डॉ संतोष डेहरिया , नगर पुलिस अधीक्षक श्रीमति ख्याति मिश्रा के मार्गदर्शन में कुठला पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी है कुठला पुलिस द्वारा दो दिवस पूर्व हुए जघन्य हत्याकाण्ड का खुलासा किया गया है
ज्ञातव्य हो कि दिनांक 20.06.2024 को समनू विश्वकर्मा पिता सुन्दर लाल विश्वकर्मा उम्र 58 वर्ष निवासी ग्राम मुडेहरा थाना बड़वारा की हत्या कर उनका शव ग्राम कछगवां स्थित सिमको लाईम कम्पनी के चूना भट्टे में डाल दिया था, इस वारदात के बाद पुलिस को एक बड़ा रेस्क्यू ऑपरेशन कर शव को स्थानीय लोगो व फायर बिग्रेड की मदद से आग पर काबू पाने के बाद चूना भट्टे के अन्दर से काफी मशक्कत के बाद बाहर निकालने में सफलता मिली थी, शव को भट्टे से बाहर निकालने पर वह लगभग जल चुका था और शव किसका है, पहचान में नही आ रहा था । मौके पर उपस्थित तीरथ विश्वकर्मा निवासी ग्राम मुडेहरा थाना बड़वारा ने बताया कि उसके बड़े पिताजी समनू प्रसाद विश्वकर्मा भट्टे में नही है और उनका फोन भी नही लग रहा है, गुरुवार के दिन भट्टे में छुट्टी का दिन होता है तो भी घर पर भी नही पहुँचे है । तीरथ विश्वकर्मा को जले हुए शव को दिखाकर पहचान करने हेतु कहा गया जिसने बदन पर पहनी हुई अण्डर वियर के आधार पर शव की अपने बड़े पिता समनू विश्वकर्मा पिता सुन्दर लाल विश्वकर्मा उम्र 58 वर्ष निवासी ग्राम मुडेहरा थाना बड़वारा के रूप में की । तीरथ विश्वकर्मा ने बताया कि उसके बड़े पिता सिमको लाईम कम्पनी में करीब पच्चीस वर्षों से कैशियर का काम करते थे जो कम्पनी के कमरे में ही रहते थे और सप्ताह में एक दिन घर आते थे । किन्तु मुझे दिनांक 20.06.2024 को बड़े पिता के भट्टा में न होने की सूचना मिली, जिस कारण मैं उन्हे देखने आया था । मेरे बड़े पिता को किसी अज्ञात व्यक्तियो द्वारा हत्या कर जलते हुए चूना भट्टा में डाल दिया है जिससे उनकी मृत्यु हो गई है ।
घटना की गंभीरता को दृष्टिगत रखते हुए तत्काल वरिष्ट अधिकारियों को घटना के संबंध मे अवगत कराया गया एवं आवश्यक दिशा निर्देश प्राप्त कर घटना स्थल को तत्काल सील किया गया । घटना की देहाती नालसी लेख कर थाना कुठला में असल अपराध क्रमांक 529/24 धारा 302,201 भादवि का अज्ञात आरोपी के विरुद्ध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया ।
घटना के बाद से ही पूरे क्षेत्र के साथ समूचे संभाग में यह खबर आग की तरह फैल गई यह हत्याकाण्ड पूरी तरह से ब्लाइण्ड था तथा पुलिस के समक्ष इसका खुलासा करने की चुनौती बन गई थी कानून व्यवस्था को दृष्टिगत रखते हुए मौके पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक डॉ संतोष डेहरिया, नगर पुलिस अधीक्षक श्रीमति ख्याति मिश्रा, एसडीओपी विजयराघवगढ़ के. पी. सिंह, थाना प्रभारी विजयराघवगढ़ रीतेश शर्मा, थाना प्रभारी कैमोर अरविन्द चौबे, प्रभारी सायबर सेल, चौकी प्रभारी बिलहरी गोपाल विश्वकर्मा, चौकी प्रभारी बस स्टैण्ड अंकित मिश्रा एवं पुलिस लाईन का बल पहुँचा था वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में घटना स्थल का वारीकी से मौका मुआयना किया गया । एफ एस एल टीम, डॉग स्कॉट, फिंगर प्रिंट टीम एवं जबलपुर की फॉरेंसिक टीम के द्वारा घटनास्थल एवं शव का बारीकी से निरीक्षण कर साक्ष्य एकत्रित किये, जिसके बाद शव को जिला चिकित्सालय कटनी भेजकर डॉक्टरो की टीम से शव का बारीकी से परीक्षण कर पी एम कराया गया। पुलिस अधीक्षक द्वारा घटना स्थल का निरीक्षक कर आवश्यक दिशा निर्देश दिये गए ।
जलते हुए भट्टे में सिमको लाईम कम्पनी के मैनेजर समनू विश्वकर्मा की हत्या की सभी पहलुओ पर बारीकी से जाँच करते हुए कुठला पुलिस को मुखबिरो के द्वारा कुछ अहम सुराग हासिल हुए जब उन सुरागो की तफ्तीश की गई तो ज्ञात हुआ कि चूना भट्टा में काम करने वाले मजदूरो की संलिप्ता पर संदेह हुआ जिसके आधार पर संदेही आशीष सिंह ठाकुर, विनोद सिंह, रंजीत सिंह उर्फ गोलू, सनम सिंह से हिकमतअमली के साथ लगातर पूछताछ करने पर आशीष सिंह के द्वारा अपने अन्य साथी विनोद सिंह, रंजीत सिंह उर्फ गोलू, सनम सिंह के साथ घटना घटित करना बताया
आरोपीगण यह जानते थे कि बुधवार के दिन मजदूरों को मजदूरी मिलती है जिसका एक बड़ा हिस्सा गुरुवार को भी वितरित होता है इसी बजह से उन्होने बुधवार एवं गुरुवार की दरम्यानी रात यह घटना कारित की । आरोपियों की योजना के अनुसार आरोपी आशीष को ऑफिस के अन्दर घुसना था, आरोपी विनोद को आशीष की मदद के लिए पहुँचना था और आरोपी सनम सिंह और रंजीत सिंह उर्फ गोलू को बाहर रहकर आने जाने वालो पर नजर रखनी थी घटना की योजना बुधवार के शाम 7 बजे रेल्वे ट्रेक पर बनी थी । आरोपीगण एक राय होकर रात के करीब 1 बजे मुताबिक योजनाबद्ध तरीके से चोरी की नियत से सिमको लाईम के ऑफिस पहुँचे ऑफिस का कमरा मृतक के द्वारा रहवास के रूप में भी उपयोग में लाया जाता था । आशीष सिंह उक्त स्थान में पीछे की ओर से बाउण्ड्री कूदकर घुसा अन्दर की आहत पाकर बाहर सोये हुए समनू विश्वकर्मा की नींद खुल गई जिससे वो ऑफिस के अन्दर गए उसी समय दूसरा आरोपी विनोद भी समनू विश्वकर्मा के पीछे पीछे अन्दर चला गया और अन्दर जाकर मैनेजर समनू विश्वकर्मा के साथ हाथा पाई की और उन पर काबू पाने के लिए उनके सिर पर डण्डे से प्रहार किया और जान बचाकर भागने पर समनू को फिर से पकड़ा और डण्डे मारकर घायल कर दिया तत्पश्चात मैनेजर समनू विश्वकर्मा का तकिये से दम घोंट दिया और मृतक के गले में पहनी लॉकर की चाबी निकाली और लॉकर का ताला खोलकर उसमें से नगदी निकालकर वापस ताला बन्द कर दिया चारों ने मिलकर वही पर बिछी हुए चटाई और कम्बल में लपेटकर साक्ष्य मिटाने के आशय से मृतक समनू विश्वकर्मा की लाश को धधकते हुए चूना के भट्टे में डाल दिया । आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि मृतक मैनेजर समनू विश्वकर्मा आरोपियों को जानते थे इसी बजह से चोरी के दौरान उनके जागने पर आरोपीगण अपनी पहचान छिपाने चाहते थे इसी बजह से उन्होने मैनेजर समनू विश्वकर्मा की हत्या कर दी और हत्या करने के बाद लाश को चूना भट्टा में डाल दिया । इसके पहले कि घटना के बाद आरोपी लूटे गए पैसे आपस में बाटते उसके पहले ही पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्त में ले लिया । आरोपी आशीष और रंजीत सिंह उर्फ गोलू दोनो सगे भाई है इनकी मां बृजरानी को घटना की पूरी जानकारी है । धारा 120 बी के तहत बृजरानी को भी आरोपी बनाया जा रहा है।
आरोपियों के मेमोरेण्डम के आधार आरोपी विनोद से तिजौरी की चाबी विनोद के पेंट से एवं आशीष के घर से नगदी 60 हजार रुपये एवं हिसाब किताब का रजिस्टर बरामद किया गया है । शेष 20 हजार रूपये आरोपी गोलू ने अपनी मां बृजरानी को दे दिये थे आरोपी रंजीत सिंह उर्फ गोलू की मां बृजरानी से 20 हजार रूपये जप्त होना शेष है आरोपियों से पूछताछ जारी है ।
आरोपियों के नाम – (1) आशीष सिंह ठाकुर पिता स्व देवी सिंह ठाकुर उम्र 28 वर्ष, (2) विनोद सिंह पिता ज्ञान सिंह उम्र 35 वर्ष, (3) रंजीत उर्फ गोलू सिंह पिता देवी सिंह उम्र 24 वर्ष, (4) सनम सिंह पिता वीरेन्द्र सिंह उम्र 19 वर्ष सभी निवासी कछगवा थाना कुठला जिला कटनी
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक डॉ संतोष डेहरिया, नगर पुलिस अधीक्षक श्रीमति ख्याति मिश्रा, थाना प्रभारी कुठला निरीक्षक अभिषेक चौबे, उप निरीक्षक विनोद सिंह, सहायक उप निरीक्षक रवि शुक्ला, प्रधान आरक्षक रामेश्वर, अजय यादव, नरेन्द्र पटेल, शिवशंकर दुबे , ताहिर खान, राहुल मिश्रा, सुनील पाण्डेय, भगवत चौधरी, आरक्षक पुष्पेन्द्र त्रिपाठी, मनोज सिंह राजपूत, सतेन्द्र सिंह, आशुतोष यादव, विजय प्रजापति, हर्षुल मिश्रा, मंसूर हुसैन अन्य स्टाफ एवं सायवर सेल टीम, की महत्वपूर्ण भूमिका रही
अशोक कुमार मिश्रा
संयोजक
No comments:
Post a Comment